तुम्हारा सफ़ेद सूती दुपट्टा...


वो तुम्हारा सफ़ेद सूती दुपट्टा...
जब भी मेरी हथेली पे पड़ता है,
तो महसूस होता है जैसे,
दूधिया आसमान....
सिमट जाता है....
मेरी लकीरों मे..
और कहीं से आ जाती है ख़ुशबू गुलाबों की॥
ठंडक चाँदनी की
और मुस्कुराहट॥
और मुस्कुराहट तुम्हारी।

कह नहीं पता हूँ कुछ...
बस
कह देता हूँ
कि
बहुत सुंदर है दुपट्टा !

कितना मुश्किल है ना ?
तुम्हारी तारीफ़ करना।
तुमसे ये कहना कि
अच्छे लग रहे हो,,,
सुंदर लग रहा है.....
ये मुस्कुराता  हुआ
दुपट्टा...
देखो ना...
कितना चालाक हूँ मैं...
कह भी देता हूँ
और
कहता भी नहीं...!!!

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