वो जो सुर्ख़ टुकड़ा तुम छोड़ देती थीं.... आईने पे लगा कर....
Thanks to My Muse.......
Reading it is like a dream coming true....!
Laado....
The 'touchiest' most loved one !
वो जो सुर्ख़ टुकड़ा तुम छोड़ देती थीं
आईने पे लगा कर....
अब, मैं जब भी ख़ुद को देखने जाता हूँ....
तुम्हें देखकर लौट आता हूँ...
अदभूत है
वो रंग !
वो छोटा सा चाँद
जो तुम्हारे माथे से उतर कर
आ बैठता है
आईने पर !
सच
तुम आस पास ना भी हो
तो भी
ये सुर्ख़ टुकड़ा
तुम्हें मेरे पास ला देता है !
मैं बातें करने लगता हूँ तुमसे.....
निहारता रहता हूँ...तुम्हें॥
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