छोटा आदमी...

चाँद मे जाकर
उसने
जो टांक दिया
एक छोटा सा बटन
अपनी कमीज़ का टूटा हुआ
वो छोटा आदमी भी बड़ा हो गया!
जिसका सब दिखता हो
ग़रीब होता है
परदादारी तो अमीरों की सिफ्त है ना!?

उसका बटन
जो उसने टांका था
छुपा रहा था
चाँद का दाग़...
और
इसी को देखकर
उसे
अपने ग़रीब ना होने का
वह्म हो रहा था........


19 मार्च 2008

Comments

Popular posts from this blog

घूर के देखता हैं चाँद

तुम उठोगे जब कल सुबह...

आसक्त नहीं- सशक्त होना ज़रूरी है...