खुद को चाहना कितना सकुन भरा होता है ना.. कोने का केबिन....

एक सीरे से दूसरे सीरे तक
हर तरफ देख कर सोच चुका हूँ

मन की बात
हालात
खुशी
ख़ामोशी
सब तुम्हे कहने का मन होता है...
तुम्हे ही छूकर
अपने होने की
तसल्ली होती है मुझे...

मेरे अंधेरे कमरे में
तुम
बंद दरवाज़ों से आने वाली
उस रोशनी की  तरह हो प्रिये
जिसके सहारे
मैं ढूँढ सकता हूँ
दर-ओ-दीवार अपने.
तुम हो क्या
क्या-क्या मेरे लिए
पता नहीं..
बस इतना पता है कि...
मन की बात
हालात
ख़ुशी
ख़ामोशी
सब तुम्हे कहने का मन होता है...
बस तुम्हे कहने का...

Comments

  1. koney me jo rehte hain
    Kono se wo kehte hain

    Jo kissi se kaha nahin jaata
    Jo dil se sahaa nahin jaata
    jo zubaa pe aa ruk jaata hai
    jo zehen me kahin gum jaata hi

    Koney me jo rehte hain
    Kono se wo kehte hain

    Nisha Di

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