कह दे के, बोल दे अब तो

कह दे के, बोल दे अब तो- अब तो वक़्त तुम्हारा है।
बरसों-बरसों की ख़ामोशी बीती- अब तो पास किनारा है।
जिंदा होना-जिंदा दिखना; कहना-सुनना चलते रहना
और भला क्या सोच रहे हो- इतना ही काम हमारा है।
बुझे पड़े हैं चेहरे देखो-कहो ज़रा हुक्मरानों से अब तो,
कौन-सी तुम आब हो पीते- हमारे घर का पानी खारा है।
कुछ मुहब्बत की बात करें भला कैसे- क्यूँकर हम

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