सपने तो रहेंगे ना...

मैं चाहे मिट्टी का बना हूँ...
तुम भी।
सपने मिट्टी के नहीं...
ना बने हैं पानी के..
हवा के...
सपने तुम से बने हैं।

जब तक मैं हूँ...
सपने तो रहेंगे ना....!

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