कह दे के, बोल दे अब तो
कह दे के, बोल दे अब तो- अब तो वक़्त तुम्हारा है। बरसों-बरसों की ख़ामोशी बीती- अब तो पास किनारा है। जिंदा होना-जिंदा दिखना; कहना-सुनना चलते रहना और भला क्या सोच रहे हो- इतना ही काम हमारा है। बुझे पड़े हैं चेहरे देखो-कहो ज़रा हुक्मरानों से अब तो, कौन-सी तुम आब हो पीते- हमारे घर का पानी खारा है। कुछ मुहब्बत की बात करें भला कैसे- क्यूँकर हम ....... ....