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Showing posts from November, 2011

ख़ाली SMS में बहुत कुछ होता है....

ख़ाली SMS में कितना कुछ लिखा होता है अधरों की मुस्कान से लेकर होठों के काँपने तक नाराज़ होने से लेकर मानने तक. अकेले होने से लेकर... अकेले होने तक ! एक-दो नुकते भी बहुत कुछ कह जाते हैं लफ़्ज़ों में आवाज़ नहीं होती बस अनकही कह नहीं पाते... काश ! थोड़ा  बहुत तो कह जाते. मन की आँखे क्यूँ होती हैं मन से दिखता भी है क्या कुछ... मत कहना कि मैनें हेर-फेर किया है शब्दों का... मैनें तो ख़ाली लिखा है SMS क्यूँ कि ख़ाली SMS  में बहुत कुछ होता है....

तुम पढा करते थे....

तुम पढा करते थे जिसमें राज रानी की कहानियाँ किस्से परियों के बातें अच्छी अच्छी! जब रास्ते केवल मंज़िलों की ओर जाते थे... डर लगता था किरदारों के गुम हो जाने का बस, कहानी के ही डर हमें लगते थे. कभी- कभी एक कहानी बीच मे छोड़कर दूसरी शुरू कर देते थे तुम--- जैसे, लोरी सुनता है कोई !!! बचपन, गया थोड़ा पीछे...... और वहीं-कहीं कहानियाँ भी मूक हो गई हैं !!!?!!! तुम पढा करते जिसमें राजा-रानी की कहानियाँ..... वो किताबें  गुम हो गयीं हैं अब..//////!

जोखिम ....................

बहुत मुश्किल होता है रिश्तों में सपने बोना. उन्हे सींचना और फलते-फूलते देखना,  इस डर से कि मौसम बदलता है ! ख़ाली चौसर पड़ी रहती है जब ना हार- ना जीत एक ही खिलाड़ी किसे हराए-किसे जिताए ! निवेश के कुच्छ नियम होते हैं... और जोखिम उनमें सबसे पहला होता है....