एकलव्य पर्व EklavyaParv
एकलव्य पर्व ला रहा हूँ, कोने का केबिन अपने एक नए साथी को, जायदा ज़िम्मेदारी दे रहा है!
एकलव्य जीवन का वह रंग है जिसे हम सब जी रहें हैं।
सीखने वाले सब हैं-सिखाने वाले कम!
या कहें, कि पसंद-नापसंद का मसला आ पड़ा है, और मुझे तो वही एकलव्य अरसे से याद आ रहा है, जिसने सीखा भी उसी गुरु से जिस से सीखना चाहा और गुरु का इंकार भी झेला!
आइये, साथ चलते हैं
eklavyaparv.com
in a few days..
एकलव्य जीवन का वह रंग है जिसे हम सब जी रहें हैं।
सीखने वाले सब हैं-सिखाने वाले कम!
या कहें, कि पसंद-नापसंद का मसला आ पड़ा है, और मुझे तो वही एकलव्य अरसे से याद आ रहा है, जिसने सीखा भी उसी गुरु से जिस से सीखना चाहा और गुरु का इंकार भी झेला!
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